लहसुन प्याज व गेंहू में खरपतवार नियंत्रण,
गेहूं लहसुन व प्याज में खरपतवार का नियंत्रण,
Weed Control in Wheat Garlic & Onion,
- गेहूं में खरपतवार नियंत्रण
- गेहू की बुवाई पलेवा करके सीड ड्रिल से करनी चाहिए क्योकि पलेवा करके, लाईन में बुवाई करने से खरपतवार का प्रकोप कम होगा व खरपतवार को आसानी से नियंत्रित कर सकते है.
- गेहू में मुख्यत: दो प्रकार के खरपतवार उगते है . चौडी पत्ती के एवं सकरी पत्ती के खरपतवार.
- खरपतवारनाशी
- 1. Clodinofop-propargyl 15% + Metsulfuron-methyl 1% WP
क्लोडिनोफोप –प्रोपर्जिल15% मेटसल्फूरोन-मैथिल 1% WP - यह सकरी पत्ती के खरपतवार गुल्ली डंडा (फेलेरिस माइनर ), व जंगली जई (wild oat), व
- चोडी पत्ती के खरपतवार बथुआ ,कृष्णनील, सेंजी, जंगली प्याज, सत्यानाशी, चटरी मटरी, जंगली पालक, मेडीकागो आदि को नष्ट करता है.
- यह बुवाई के 20-30 दिन के बाद जब खरपतवार 5-7 पत्ती की अवस्था में होती है तब प्रयोग करते है.
- मात्रा- 160 ग्राम/एकड़.
- 2.Carfentrazone-ethyl 40% DF (कार्फेंटराजोन एथिल)
- इसको बुवाई 20-30 दिन के बाद उपयोग करते है जब खरपतवार 2-3 पत्ती की अवस्था की होती है.
- यह चोडी पत्ती के खरपतवार- हिरनखुरी (convolvulus sp.), कृष्ण नील (Anagallis), बथुआ(chenopodium), सत्यानाशी (argimone sp), चटरी मटरी (vicia sp.), बटन वीड (malva sp), मकोई (solanum sp), बड़ी दूधी(euphorbia) आदि को मारता है.
- मात्रा- 20 ग्राम एक एकड़ में .
- 20 ग्राम दवाई को 100-200 मिली हलके गर्म पानी में घोल ले इसको 8-10 मग्गा (डिब्बा) पानी में मिला ले व 15 लीटर के पानी वाले पम्प में एक मग्गा डालकर एक एकड में स्प्रे करे.
- एक एकड़ में 8 से 10 पंप का स्प्रे करे .
- 3. Clodinofop-propargyl 15% wp.
क्लोडिनोफोप –प्रोपर्जिल - यह सकरी पत्ती के खरपतवार को नियंत्रित करता है.
- यह गेहू की बुवाई के 35-45 दिन के बाद जब खरपतवार 5-7 पत्ती की अवस्था में होती है तब प्रयोग करते है.
- मात्रा- 160 ग्राम/एकड़.
- 4. Metsulfuron-methyl 20% WP
मेटसल्फूरोन-मैथिल - यह चोडी पत्ती के खरपतवार को नष्ट करता है.
- इसको गेहु की बुवाई 20-30 दिन के बाद उपयोग करते है जब खरपतवार 3-4 पत्ती की अवस्था की होती है.
- मात्रा – 8 ग्राम/एकड़.
- 5. Sulfosulfuron 75% WG
सल्फोसल्फुरोंन - यह सकरी पत्ती एव चोडी पत्ती के खरपतवार को मारता है जैसे – गुल्ली डंडा (फेलेरिस माइनर), सैंजी (melilotus sp ), जंगली जई, बथुआ, लेथाईरस, मेडीकागो आदि.
- यह गेहू की बुवाई के 25-35 दिन के बाद जब खरपतवार 2-4 पत्ती की अवस्था में हो तब प्रयोग करते है.
- मात्रा – 5 ग्राम दवा/एकड़ + 500 मिली चिपको.
- 5 ग्राम दवा को व चिपको को 8 लीटर पानी में घोले.
- एक पम्प में 1 लीटर डालकर स्प्रे करे.
- एक एकड़ में 8 पंप का स्प्रे करे.
- लहसुन एवं प्याज के खरपतवारनाशी
Quizalofop ethyl 5% EC+ Oxyfluorfen 23.5% EC
क्युजालोफोप एथिल + ओक्सिफ़्लुओरफेन- यह एक पोस्ट इमरजेन्स खरपतवारनाशी है.
- यह कोम्वीनेसन लहसुन एवं प्याज में दोनों सकरी व चोडी पत्ती के खरपरवार को नियंत्रण करता है.
- मात्रा – 300 मिली (Quizalofop ethyl 5% EC) + 100 मिली/ एकड़ (Oxyfluorfen 5% EC)
- यह फसल में वुबाई/रोपाई के बाद जब खरपतवार 4-5 पत्ती की अवस्था में हो तब डाली जाती है.
- धानुका उत्पाद –
- सकूरा (Sakura) 150 एम.एल./एकड़ सकरी पत्ती के लिए.
- ओक्जीकिल (Oxykill)-90 एम.एल./एकड़ चौड़ी पत्ती के लिए.
- भी प्रयोग कर सकते है.
- सावधानिया
- खरपतवारनाशी का प्रयोग करने से पूर्व वैज्ञानिक सलाह जरूर ले व पैकिट के साथ आने वाले लीफलेट को जरूर पड़े.
- दवाई छिड़कने के बाद पंप को अच्छी तरह थोडा यूरिया डालकर साफ कर ले .
- खरपतवारनाशी का प्रयोग करते समय खेत में नमी होना आवश्यक है.
- यह सभी केमीकल/टेक्नीकल नाम है, ये किसानो को याद रखना चाहिए. हर कंपनी के ब्रांड नाम अलग अलग होते है, अत: एवं किसी ब्रान्डेड कंपनी के ही खरपतवारनाशी प्रयोग करने चाहिए